Share Market News : शेयर बाजार में FIIs निवेशक की हुई जबरदस्त एंट्री, इन इन स्टॉक को होगा दुगुना मुनाफा विदेशी संस्थागत निवेशक वे निवेशक हैं जो भारत में निवेश कर रहे हैं लेकिन भारत का हिस्सा नहीं हैं। इन निवेशकों को एफआईआई के रूप में संदर्भित किया जाता है। वे किसी भी देश से म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस बिज़नेस हो सकते हैं। इसमें हमारी अर्थव्यवस्था के विस्तार में योगदान देने की क्षमता है।
दोस्तों शेयर बाजार में इन दिनों तूफानी तेजी दर्ज की जा रही, इससे प्रमुख इंडेक्स नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए हैं। बाजार में जारी बंपर तेजी की वजह विदेशी संस्थागत निवेशकों की जोरदार खरीदारी है। इसके तहत फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने अपनी रणनीति को बदला है। नतीजनत, पिछले दो हफ्तों में FIIs ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके साथ ही भारतीय बाजार में बड़े खरीददार बन गए हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी
शेयर बाजार में सोमवार को भी तेजी दर्ज की जा रही। BSE सेंसेक्स 37 अंक ऊपर 71,520.95 पर है। सन फार्मा 1.6 फीसदी मजबूत है। निफ्टी 16.35 अंक ऊपर 21,473.00 पर पहुंच गया है। बाजार की इस तेजी में बैंकिंग और IT सेक्टर से सपोर्ट मिल रहा है। बता दें कि पिछले दो हफ्तों के दौरान निफ्टी जहां 6 फीसदी चढ़ा है, वहीं बैंक निफ्टी 7.4 फीसदी और निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 11 फीसदी ऊपर है।
खरीदारी में FIIs से आगे DIIs
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि हाल के बाजार अनुभव से एक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई है कि FIIs और DIIs (डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) के बीच रस्साकशी में, DII लगातार FII से आगे निकल रहे हैं। जब FII बेचते हैं तो उनसे DII खरीदते हैं, या फिर जब DII बेचते हैं तो FII खरीदते हैं, अधिक कीमतों पर. वैल्यूएशन को छोड़कर वैश्विक और घरेलू कारक बाजार के लिए अनुकूल हैं। विशेषकर लार्ज कैप में पैसे लगाए रखना ही समझदारी है. उन्होंने कहा कि मिड और स्मॉल कैप में कुछ मुनाफावसूली पर विचार किया जा सकता है, जहां मूल्यांकन बहुत अधिक है।
निगाहें लार्ज-कैप पर
जैसे-जैसे एफआईआई भारत में आ रहे हैं, सभी की निगाहें लार्ज-कैप पर हैं, खासकर निफ्टी 50 शेयरों पर, जहां बड़ी पूंजी के लिए लिक्विडिटी कोई समस्या नहीं होगी। आईटी, फार्मा और कुछ बैंकों को भारी निवेश से लाभ होगा क्योंकि 2022 में रेट हाइक साइकिल शुरू होने के बाद से उन्होंने FII हिस्सेदारी में सबसे अधिक सेंध लगाई है।
इन सेक्टर को होगा फायदा
Wipro, TCS, LTIMindtree और इंफोसिस में FII की हिस्सेदारी रेट हाइक साइकिल के दौरान अधिकतम हिस्सेदारी से 2-3 पॉइंट पॉइंट नीचे है। टेक महिंद्रा के लिए अंतर 9 प्रतिशत पॉइंट तक का है। रेट साइकिल बदलने के साथ यह राय है कि बड़े ग्राहकों से बड़ी डील की जीत जल्द ही फिर से शुरू होगी। दूसरा सेक्टर जिसे फायदा होने की संभावना है वह फार्मा है। रेट हाइक साइकिल के दौरान सिप्ला, डिवीज़ लैबोरेट्रीज जैसे शेयरों में एफआईआई हिस्सेदारी में 3-5 प्रतिशत अंक की गिरावट देखी गई है. दूसरी ओर इसी अवधि में सन फार्मा और डॉ. रेड्डीज की एफआईआई हिस्सेदारी में बढ़ोतरी देखी गई है।
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