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पहलगाम आतंकी हमला: सैफुल्लाह के इशारे पर पांच आतंकियों ने रची थी साजिश, सामने आया पाकिस्तान का गहरा कनेक्शन

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुआ आतंकवादी हमला न केवल भारतीय सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बन गया, बल्कि इसके पीछे की साजिश और पाकिस्तानी कनेक्शन ने इस हमले को और भी गंभीर बना दिया। इस हमले की पूरी योजना लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ, सैफुल्लाह कसूरी के नेतृत्व में बनाई गई थी, जिसके तहत पांच आतंकियों को हमले के लिए प्रशिक्षित किया गया था। यह हमला पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवाद का एक और उदाहरण साबित हो रहा है।

पहलगाम हमले की साजिश: सैफुल्लाह की योजना

सैफुल्लाह कसूरी, लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ, ने फरवरी में ही पहलगाम हमले की योजना बनानी शुरू कर दी थी। एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, सैफुल्लाह ने पहले फरवरी में आतंकियों की एक बैठक आयोजित की, जिसमें पांच आतंकियों को हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस बैठक के बाद, मार्च में मीरपुर में आतंकियों की दूसरी बैठक हुई, जिसमें हमले की अंतिम योजना तैयार की गई।

इस बैठक में शामिल आतंकियों में अबू मूसा, इदरीस शाहीन, मोहम्मद नवाज, अब्दुल रफा रसूल, और अब्दुल्लाह खालिद जैसे खतरनाक आतंकी शामिल थे। सैफुल्लाह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई से निर्देश मिले थे, जिससे वह इस हमले को अंजाम देने के लिए प्रतिबद्ध था।

पाकिस्तान का कनेक्शन: सेना और आतंकियों का गठजोड़

हमले के बाद सामने आई रिपोर्ट्स से यह साफ हो गया कि पाकिस्तान का आतंकवाद फैलाने में महत्वपूर्ण रोल था। सैफुल्लाह कसूरी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से मुलाकात की। तस्वीरों में यह भी देखा गया कि पाकिस्तानी सेना के कर्नल ने सैफुल्लाह का स्वागत किया। इसके अलावा, पाकिस्तान के रावलकोट में 18 अप्रैल को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें सैफुल्लाह और उसके पांच साथी आतंकी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए भड़काऊ भाषण दिए गए थे।

सैफुल्लाह का जैश-ए-मोहम्मद से संबंध

सैफुल्लाह कसूरी का पाकिस्तान में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर से भी संबंध रहा है। मार्च में, वह बहावलपुर स्थित जैश के हेडक्वार्टर में शामिल हुआ, जहां उसने आतंकवाद फैलाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। जैश ने इस कार्यक्रम को विशेष रूप से सैफुल्लाह के लिए आयोजित किया था, ताकि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश दोनों संगठन को मजबूत कर सके और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे सके।

जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई

इस आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई की और कई संदिग्ध आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम हमले के प्रमुख संदिग्ध स्थानीय आतंकी आदिल गुरी का घर सुरक्षा बलों ने बम धमाके से नष्ट कर दिया। गुरी का घर बिजबेहरा इलाके में था। इसके अलावा, त्राल के आतंकी आसिफ शेख के घर को भी सुरक्षा बलों ने गिरा दिया।

निष्कर्ष: पहलगाम आतंकी हमले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठन भारत में आतंक फैलाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। सैफुल्लाह कसूरी और उसके साथियों द्वारा रची गई इस साजिश में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भूमिका रही है। इस मामले में भारत को आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार के हमलों को रोका जा सके और आतंकवादी नेटवर्क को खत्म किया जा सके।

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